इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन करने के कितने प्रकार होते हैं?

इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन करने के कितने प्रकार होते हैं?

इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन करने के कितने प्रकार होते हैं?

ग्राहक अब इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन से दुनिया में कहीं से भी अपने पसंदीदा ब्रांड की कोई भी चीज खरीद सकते हैं। इंटरनेट और ऑनलाइन पेमेंट के सकारात्मक पक्ष के अलावा इसका एक डार्क साइड भी मौजूद है- लेन देन की सुरक्षा। हर बार जब आप ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, तो जोखिम का एक खतरा बना रहता  कि हैकर्स या चोर गुप्त रूप से आपके बैंक या भुगतान की जानकारी चुरा सकते हैं।  यदि ऐसा होता है तो वे आपके खाते का उपयोग अपने खातों मेंधोखे से भुगतान करने, वास्तु खरीदने या यहां तक कि आपका कैश प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। हालांकि इंटरनेट पर मौजूद सुरक्षित ट्रांजैक्शन मेथड का उपयोग करके अनधिकृत भुगतानों (Unauthorised payments) से बचा जा सकता है।

आइये जानते है इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन करने के कितने प्रकार होते हैं?

 इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन करने के प्रकार

1: बैंकिंग कार्ड

 कार्ड सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली payment methods में से एक हैं और ये बहुत सी सुविधाओं और लाभों के साथ आते हैं जैसे पेमेंट की सुरक्षा, सुविधा आदि। डेबिट/क्रेडिट बैंकिंग कार्ड का मुख्य लाभ यह है कि उनका उपयोग अन्य प्रकार के इन्टरनेट ट्रांजैक्शन के लिए किया जा सकता है। जैसे ग्राहक Cashless payment करने के लिए कार्ड की जानकारी को पेमेंट ऐप या मोबाइल वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं। सबसे प्रसिद्ध Card paymentकंपनियों में से कुछ वीज़ा, Rupay और मास्टरकार्ड हैं। बैंकिंग कार्ड का उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल पेमेंट ऐप, पीओएस मशीन, ऑनलाइन लेनदेन आदि में किया जा सकता है।

क्रेडिट कार्ड 

इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन करने करने के लिए क्रेडिट कार्ड सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। आपके ऑनलाइन लेनदेन के लिए क्रेडिट कार्ड सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। क्रेडिट कार्ड भुगतान करने का एक सुविधाजनक तरीका प्रदान करते हैं। क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके Payments करने का प्रोसेस आम तौर पर सभी वेबसाइटों के लिए समान होती है। उनके पास एक मजबूत Fraud protection सुविधा होती है। इसके अलावा गलत ट्रांजैक्शन होने पर फंड को रिवर्स करना बहुत आसान है।

जब भी आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन लेनदेन करते हैं, तो आपके बैंक खाते से तुरंत पैसा नहीं काटा जाता है। बल्कि कार्ड जारीकर्ता (Card issuer) शॉपिंग के लिए भुगतान करता है, और बाद में आप भुगतान करते हैं। इसलिए जब भी आपको संदेहास्पद गतिविधि दिखाई दे या कुछ गलत लगे  तो आप अपने कार्ड जारीकर्ता को किसी और धोखाधड़ी को रोकने के लिए बता सकते हैं।

अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके सुरक्षित रूप से भुगतान करने के लिए , सुनिश्चित करें कि जिस वेबसाइट से आप लेनदेन कर रहे हैं वह सुरक्षित है। वेब साइट की सिक्योर है इसके लिए जाँच करें जैसे कि URL की शुरुआत में “https:” हो और ऊपरी बाएँ कोने में एक छोटी पैडलॉक जरुर हो।

डेबिट कार्ड्स

ऑनलाइन भुगतान करने का एक सस्ता और सुरक्षित तरीका डेबिट कार्ड का उपयोग करना है।  Online payments पूरा करने के लिए डेबिट कार्ड का उपयोग करने पर, सीधे आपके बैंक अकाउंट से पैसे काट लिए जाते है। क्रेडिट कार्ड के साथ आप कर्ज लेते चले जाते है लेकिन डेबिट कार्ड के साथ आपको कर्ज के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। 

डेबिट कार्ड ऑनलाइन लेनदेन के लिए भी सुरक्षित हैं क्योंकि उनके जारीकर्ता 24 घंटे Fraud monitoring services प्रदान करते हैं। यह किसी भी संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने और उन्हें पहले से कम करने में मदद करता है। डेबिट कार्ड से लेन-देन करते समय वन-टाइम पासवर्ड (OTP) का भी उपयोग किया जाता है, ताकि केवल कार्ड के वास्तविक मालिक ही उनका उपयोग कर सकें। ये पासवर्ड कार्डधारकों के मोबाइल पर एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेजे जाते हैं।

2: यूएसएसडी

एक अन्य प्रकार की Digital payment मेथड *99# है जिसमे बिना किसी ऐप को डाउनलोड किए लेनदेन किया जा सकता है। ये तरीका बिना मोबाइल डेटा के भी काम करता है। यह सुविधा यूएसएसडी और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा शुरू की गयी है। इस प्रकार की डिजिटल भुगतान सेवा का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों के लोगो को मुख्यधारा की बैंकिंग में शामिल करना है। इस सेवा का उपयोग Fund transfer शुरू करने, Bank statements देखने और बैलेंस पूछताछ करने के लिए किया जा सकता है। इसका एक अन्य लाभ यह है कि यह हिन्दी में भी उपलब्ध है।

ये भी पढ़े *99# का उपयोग कैसे करें

3: UPI

UPI के माध्यम से बैंक खाता रखने वाला कोई भी ग्राहक UPI-आधारित ऐप के माध्यम से पैसे भेज और रिसीव कर सकता है। यह सेवा एक यूजर को अपने स्मार्टफोन पर एक यूपीआई ऐप पर एक से अधिक बैंक खातों को लिंक करने की अनुमति देती है और ये 24/7 साल के सभी 365 दिनों काम करती है। UPI का मुख्य लाभ यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को बिना बैंक खाते या IFSC कोड के पैसे ट्रांसफर करने में मदद करता है। आपको बस एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) चाहिए। प्ले स्टोर में कई यूपीआई ऐप हैं और यह एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। यूपीआई का उपयोग करने के लिए एक बैंक खाता और इसी खाते से जुड़ा एक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना चाहिए। UPI पूरी तरह से फ्री है। 

 ये भी पढ़े   यूपीआई का उपयोग कैसे करें?

4: इंटरनेट बैंकिंग

इंटरनेट बैंकिंग का मतलब ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन करने से है। इनमें कई सेवाएं शामिल हो सकती हैं जैसे फंड ट्रांसफर करना, नया FD या रेकरिंग डिपॉजिट खोलना, अकाउंट बंद करना आदि। इंटरनेट बैंकिंग को ई-बैंकिंग या वर्चुअल बैंकिंग भी कहा जाता है। इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग आमतौर पर NEFT , RTGS या IMPS के माध्यम से ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। बैंक ग्राहकों को अपनी वेबसाइट के माध्यम से सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं और ग्राहक Username और Password का उपयोग करके अपने खाते में लॉग इन कर सकते हैं। इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं का लाभ किसी भी समय और वर्ष में सभी 365 दिनों में लिया जा सकता है। 

इंटरनेट बैंकिंग से लेनदेन करना बहुत ही ज्यादा सुरक्षित है। क्योंकि इसका पासवर्ड समय समय बदलता होना है। हर लेन देन के लिए OTP भी देना होता है। 

5: मोबाइल वॉलेट

मोबाइल वॉलेट एक प्रकार की Virtual wallet service है जिसका यूज ऐप डाउनलोड करके किया जा सकता है। डिजिटल या मोबाइल वॉलेट पेमेंट की अनुमति देने के लिए बैंक खाते या Debit/credit card कार्ड की जानकारी या बैंक खाते की जानकारी को Encrypted format में स्टोर करता है। आप आसानी से मोबाइल वॉलेट में पैसा ऐड कर सकते है और उसका उपयोग सामान और सेवाओं की खरीद के लिए किया जा सकता है। इससे क्रेडिट/डेबिट कार्ड का सीवीवी या 4-digit पिन याद रखने की आवश्यकता समाप्त हो गई। देश में कई बैंकों ने ई-वॉलेट सेवाएं शुरू की हैं और बैंकों के अलावा कई निजी कंपनियां भी हैं। बाजार में कुछ मोबाइल वॉलेट ऐप पेटीएम, Mobikwik, फ्रीचार्ज आदि हैं। मोबाइल वॉलेट द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं में पैसे भेजना और प्राप्त करना, व्यापारियों को भुगतान करना, ऑनलाइन खरीदारी आदि शामिल हैं। कुछ मोबाइल वॉलेट एक निश्चित लेनदेन शुल्क ले सकते हैं। 

6: PoS टर्मिनल

 PoS टर्मिनलों को उन सभी दुकानों पर यूज किया जाता है जहां ग्राहकों द्वारा क्रेडिट/डेबिट कार्ड का उपयोग करके खरीदारी की जाती है। यह आमतौर पर एक हाथ से पकड़ने वाला उपकरण होता है जो बैंकिंग कार्ड पढ़ता है। हालाँकि डिजिटलीकरण के साथ PoS का दायरा बढ़ रहा है और यह सेवा मोबाइल प्लेटफॉर्म और इंटरनेट ब्राउज़र के माध्यम से भी उपलब्ध है। पीओएस टर्मिनल विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे Physical PoS, मोबाइल पीओएस और वर्चुअल पीओएस। भौतिक PoS टर्मिनल वे होते हैं जिन्हें दुकानों पर रखा जाता है। दूसरी ओर, मोबाइल PoS टर्मिनल टैबलेट या स्मार्टफोन के माध्यम से काम करते हैं। यह छोटे व्यापार मालिकों के लिए सही है क्योंकि उन्हें महंगे इलेक्ट्रॉनिक रजिस्टरों में निवेश करने की आवश्यकता नहीं है। वर्चुअल पीओएस सिस्टम भुगतान के लिए Web-based applications का उपयोग करते हैं।

8: मोबाइल बैंकिंग

 मोबाइल बैंकिंग स्मार्टफोन के माध्यम से वित्तीय लेनदेन/बैंकिंग लेनदेन करने की प्रक्रिया को बताता है। मोबाइल बैंकिंग का दायरा केवल कई मोबाइल वॉलेट, डिजिटल भुगतान ऐप और यूपीआई जैसी अन्य सेवाओं की शुरुआत के साथ बढ़ रहा है। कई बैंकों के अपने ऐप हैं और ग्राहक एक बटन के क्लिक पर Banking transactions करने के लिए इसे डाउनलोड कर सकते हैं। 

ये भी पढ़े UPI 123Pay इन्टरनेट के बिना पैसे भेजे।

9: वैकल्पिक भुगतान सेवाएं 

अभी तक हमने ऊपर सारे ऐसे पेमेंट मेथड की बात की है जो केवल इंडिया में लेन देन के लिए यूज होते है। इन कुछ ऐसे भुगतान सेवाएं हैं जिन्होंने विदेशी ऑनलाइन लेनदेन के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि की है। अपनी विश्वसनीयता और सुरक्षा दोनों के लिए पेपैल (Paypal) बहुत लोकप्रिय है। अन्य भुगतान सेवाओं में Google वॉलेट, Payoneer, Skrill आदि शामिल हैं। ऑनलाइन भुगतान के लिए इन विधियों को जो चीज सुरक्षित बनाती है, वह यह है कि यूजर कोई भी निजी जानकारी साझा नहीं करते हैं। वे अन्य पार्टियों के साथ जो शेयर करते हैं, वो है उनका पता, उनका PayPal email address।

एक पार्टी द्वारा भुगतान किए जाने के बाद, दूसरा पार्टी या रिसीवर थोड़े समय के भीतर अपने ईमेल पते के माध्यम से प्राप्त कर लेता है। इसके अलावा, इन भुगतान सेवाओं को सुरक्षित माना जाता है क्योंकि उनके पास “Buyer protection” सुविधा है। यह उन्हें लगभग क्रेडिट कार्ड की तरह सुरक्षित बनाता है जब भी भुगतान या सामान नहीं आता है।

निष्कर्ष: इंटरनेट पर सुरक्षित ट्रांजैक्शन करने के कितने प्रकार हैं?

ऑनलाइन शॉपिंग पिछले 10 साल से बहुत तेजी से बढ़ा है। लेकिन इसके साथ ऑनलाइन मनी धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रहा है। भारत में बहुत लोग इसकाशिकार हो रहे है। इसलिए यह जरुरी है कि हम भुगतान करते समय अपने कार्ड के डिटेल्स साझा करने से बचने के लिए केवल सुरक्षित तरीकों का उपयोग करें। OTP,CVV कोड, पासवर्ड आदि किसी को भी ना बताये। असुरक्षित तरीकों का उपयोग करने से बचे। नहीं तो जालसाजों के ठगी का शिकार हो सकते है, जो हमेशा इंटरनेट पर दुबके रहते हैं। ऊपर बताए गए भुगतान के तरीकों में से किसी एक को तय करने से जब भी आप लेन-देन कर रहे हों तो आपको सुरक्षा की गारंटी होगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

TATA की इस Share से कंपनी को हुआ तगड़ा मुनाफा इन 4 शेयर्स ने इन्वेस्टर्स को रुलाया 5 shares gave up to 53.6% returns in 5 days Tata Mutual Funds are proved money doubling schemes Foreign banks FDs : High interest rates in India