14 फरवरी को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की मुद्रास्फीति दर जनवरी 2022 में बढ़कर 6.01 प्रतिशत हो गई। (Food price index) खाद्य मूल्य सूचकांक जनवरी में 5.4% बढ़ा, जो पिछले महीने में 4.1% से अधिक था। ग्रामीण मुद्रास्फीति 6.1% पर अधिक थी, जबकि शहरी मुद्रास्फीति 5.9% थी। ग्रामीण महंगाई बढ़ने से दोनों के बीच की खाई कम हुई है।
6.01 प्रतिशत पर, पिछले महीने की खुदरा महंगाई दर सात महीनों में सबसे अधिक है। दिसंबर 2021 में महंगाई दर 5.66 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज पहले कहा था कि यह लगभग 6.00 प्रतिशत अंक के आसपास आने की संभावना थी, जिसका मुख्य कारण (unfavourable base effect) प्रतिकूल आधार प्रभाव था।
आरबीआई ने अनुमान लगाया है कि 2022 की पहली तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति औसत 5.7 प्रतिशत होगी। और कहा है कि जनवरी-मार्च 2022 के बाकी दो महीनों में महंगाई दर कम होने की उम्मीद है।
हालांकि, प्रतिकूल आधार प्रभाव की उपस्थिति का मतलब है कि दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक में 1.3 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद, खाद्य मुद्रास्फीति 4.05 प्रतिशत से बढ़कर 5.43 प्रतिशत हो गई।
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